About गणपति आरती

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The authorship of the Hanuman Chalisa is attributed to Tulsidas, a poet-saint who lived within the 16th century CE.[ten] He mentions his identify in the last verse of your hymn. It is said in the 39th verse in the Hanuman Chalisa that whoever chants it with entire devotion to Hanuman, will likely have Hanuman's grace.

त्रिगुण स्वामीजी की आरती, जो कोइ नर गावे। स्वामी जो कोइ नर गावे।

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ओम जय लक्ष्मी अम्बे, माया जय आनंद कंडे।

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सात दशक बाद सावन की शुरूआत और समापन भी सोमवार को

नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥

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त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥ लक्ष्मी माता की आरती, ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥

हनुमान जी को मंगलवार अति पसंद है. मंगलवार को हनुमान जी का दिवस माना गया है.

आरती संग्रह चालीसा संग्रह स्तोत्रम संग्रह अष्टकम् संग्रह वैदिक मन्त्र वैदिक यन्त्र नामावली संग्रह श्री शिव आरती दुर्गा सप्तशती सुन्दरकाण्ड नाम रामायणम्

विवाह वैदिक ज्योतिष बच्चों के नाम वास्तुशास्त्र ज्योतिषीय उपाय हस्तरेखा शास्त्र राशि टैरो रीडिंग ग्रह

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